आपके लिए खुशखबरी है! भारत सरकार ने दवाओं, मेडिकल उपकरणों और हेल्थ इंश्योरेंस पर GST में बड़ी कटौती की है, जो 22 सितंबर, 2025 से लागू होगी। इसका सीधा मकसद है कि हर किसी के लिए स्वास्थ्य सेवा सस्ती और आसान हो जाए। इस बदलाव से इलाज पर होने वाला खर्च घटेगा, ज़रूरी दवाएं और मेडिकल उपकरण आसानी से उपलब्ध होंगे, और हेल्थ इंश्योरेंस भी अब और किफायती हो जाएगा, जिससे लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
यह कदम खास तौर पर उन मरीज़ों, वरिष्ठ नागरिकों और कम आय वाले परिवारों को बड़ी राहत देगा, जिन्हें अक्सर इलाज के बढ़ते खर्चों का बोझ उठाना पड़ता है।
दवाओं पर GST: जानिए क्या सस्ता हो रहा है
GST के नए नियमों से आम आदमी को बड़ी राहत मिलने वाली है, क्योंकि कई जरूरी दवाएं अब काफी सस्ती हो जाएंगी।
इन जीवन रक्षक दवाओं पर अब 0% GST
- सरकार ने कई गंभीर बीमारियों की दवाओं को GST से पूरी तरह मुक्त कर दिया है:
- 33 जीवन रक्षक दवाएं, जिन पर पहले 12% GST लगता था, अब पूरी तरह टैक्स-फ्री हो गई हैं।
- कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और अन्य गंभीर रोगों के इलाज में काम आने वाली 3 बेहद ज़रूरी दवाएं (जैसे कि एगलसिडेस बीटा, ओसिमर्टिनिब) भी अब 5% GST से हटकर 0% GST कैटेगरी में आ गई हैं।
- मानव रक्त (Human blood) और सभी तरह के गर्भनिरोधकों पर भी अब कोई GST नहीं लगेगा।
अब सिर्फ 5% GST
रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाली कई दवाओं और मेडिकल चीज़ों पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इनमें शामिल हैं:
- इंसानों और जानवरों के टीके (Vaccines)।
- इंसुलिन और ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट्स)।
- हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों की जांच के लिए डायग्नोस्टिक किट।
- टीबी, एड्स और मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं।
कुछ चीज़ों पर 18% GST जारी रहेगा
कुछ खास उत्पाद हैं जिन पर 18% GST लगता रहेगा, जैसे कि निकोटीन गम (तंबाकू की लत छुड़ाने में मदद करने वाला) और गर्म पानी की बोतलें।
मेडिकल उपकरणों पर भी भारी छूट
यह बदलाव सिर्फ दवाओं तक ही नहीं है, बल्कि मेडिकल डिवाइस और उपकरणों पर भी लागू हुआ है। अब ज़्यादातर मेडिकल, सर्जिकल और डेंटल उपकरणों पर GST 18% या 12% से घटाकर केवल 5% कर दी गई है। इसका मतलब है कि जरूरी मेडिकल डिवाइस अब और किफायती हो गए हैं और कीमतें सबके लिए समान हो गई हैं। इसमें सर्जिकल उपकरण, ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स, थर्मामीटर, मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन और अन्य ज़रूरी सामान शामिल हैं।
- सर्जिकल उपकरण, ग्लूकोमीटर और टेस्ट स्ट्रिप्स।
- थर्मामीटर और मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन।
- डायग्नोस्टिक किट और पट्टियां (bandages)।
- आँखों के इलाज और चश्मों पर बड़ी राहत
- आँखों से जुड़े उत्पादों पर GST में सबसे बड़ी कटौती की गई है, इसे 28% से घटाकर सिर्फ 5% कर दिया गया है। यह इन पर लागू होगा:
- नज़र के चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस।
- इंट्राओकुलर लेंस।
- आँखों के इलाज से जुड़े अन्य उपकरण।
हेल्थ इंश्योरेंस भी हुआ सस्ता!
लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, सभी व्यक्तिगत (individual) हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर GST को 18% से घटाकर शून्य कर दिया गया है। इससे इंश्योरेंस पॉलिसी लेना और भी किफायती हो जाएगा।
इंडस्ट्री ने क्या कहा: स्वागत के साथ कुछ चिंताएँ भी
हेल्थकेयर इंडस्ट्री ने इन सुधारों का ज़ोरदार स्वागत किया है। इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (IPA) ने इसे सस्ती स्वास्थ्य सेवा की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
हालांकि, इंडस्ट्री ने “इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर” को लेकर एक चिंता भी जताई है। इसका मतलब है कि तैयार उत्पाद (जिन पर 5% GST है) को बनाने में लगने वाले कच्चे माल पर GST (जो 12-18% तक है) ज़्यादा है। इससे निर्माताओं का मुनाफा कम हो सकता है। इस समस्या से निपटने के लिए इंडस्ट्री ने सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का रिफंड तेज़ी से करने की मांग की है।
सरकार की ये GST कटौती मरीजों, वरिष्ठ नागरिकों और कम आय वाले परिवारों के लिए बड़ी राहत है। दवाएं, मेडिकल उपकरण और हेल्थ इंश्योरेंस अब और सुलभ, किफायती और टैक्स-फ्री होंगे।
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