Artificial Womb और Surrogacy! क्या माँ का प्यार और त्याग अब मशीनों से बदला जा सकता है? भारत की संस्कृति पर बड़ा झटका और जुड़ी फिल्में

भारत में Artificial Womb और Surrogacy पर हो रही तकनीकी और सामाजिक चर्चाएँ लगातार बढ़ रही हैं। इस लेख में हम बताएंगे कि Artificial Womb क्या है, इसका भारतीय समाज और मातृत्व पर क्या असर पड़ सकता है, Surrogacy कानून पर इसके प्रभाव, और साथ ही Surrogacy पर आधारित प्रमुख भारतीय फिल्मों की सूची, जिन्हें आप स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर देख सकते हैं।

1. Artificial Womb क्या है?

Artificial Womb या कृत्रिम गर्भाशय एक ऐसी तकनीक है जिसमें बच्चा माँ के पेट के बजाय मशीन जैसे वूम्ब में विकसित होता है। इसमें ऑक्सीजन, पोषण और एम्नियोटिक फ्लूइड जैसी ज़रूरी चीज़ें मशीन द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं। Essentially, यह माँ के शरीर को “बायोलॉजिकल इनक्यूबेटर” की तरह रिप्लेस कर सकता है।

2. भारतीय समाज और मातृत्व पर असर

भारत में माँ को केवल बच्चे की जन्मदाता नहीं, बल्कि “त्याग और ममता” की प्रतीक माना जाता है। अगर बच्चा मशीन में पलने लगे, तो मातृत्व की पारंपरिक परिभाषा बदल सकती है।

पॉज़िटिव प्रभाव:

  • हेल्थ प्रॉब्लम, उम्र या मेडिकल कारणों से बच्चा नहीं हो पाने वाली महिलाओं को विकल्प।
  • करियर और लाइफ़स्टाइल के कारण माँ बनने को टालने वाली महिलाओं के लिए सुविधा।
  • समय से पहले जन्मे बच्चों की बचत आसान।

निगेटिव प्रभाव:

  • “माँ” की पारंपरिक भूमिका पर सवाल।
  • भावनात्मक और सामाजिक बदलाव, परिवार और रिश्तों में हलचल।
  • अमीर–गरीब में तकनीक की असमान पहुंच और सामाजिक असंतुलन।

3. सरोगेसी और कानूनी असर

2021 में भारत में Surrogacy (Regulation) Act लागू है, जो केवल altruistic surrogacy की अनुमति देता है।

Artificial Womb आने से:

  • सरोगेसी की मांग घट सकती है।
  • दंपत्ति अब मशीन का सहारा ले सकते हैं।
  • कानूनी सवाल उठेंगे – “कानूनी माँ” कौन? अंडाणु देने वाली या मशीन में बच्चा रखने वाली?

4. मौजूदा Surrogate Mothers की स्थिति

भारत कभी Surrogacy का Hub था, लेकिन गरीब महिलाओं का शोषण होता था। अब केवल altruistic surrogacy मान्य है, जिससे शोषण घटा, लेकिन कमाई का विकल्प भी सीमित हुआ।

Surrogacy पर आधारित प्रमुख भारतीय फ़िल्में

यहां Surrogacy पर आधारित कुछ प्रमुख भारतीय फिल्मों की सूची दी गई है, जिन्हें आप विभिन्न स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर देख सकते हैं। इन फिल्मों में Surrogacy के सामाजिक, भावनात्मक और कानूनी पहलुओं को दर्शाया गया है।

1. मिमी (Mimi)

स्टार कास्ट: कृति सेनन, पंकज त्रिपाठी, साईं तम्हंकर

विवरण: एक महत्वाकांक्षी अभिनेत्री मिमी, एक विदेशी दंपत्ति के लिए सरोगेट मदर बनने का निर्णय लेती है, लेकिन परिस्थितियाँ उसे अप्रत्याशित मोड़ों पर ले जाती हैं।

रिलीज़ वर्ष: 2021

2. यशोदा (Yashoda)

स्टार कास्ट: समांथा रुथ प्रभु, उन्नी मुकुंदन, वरलक्ष्मी सरथकुमार

विवरण: यशोदा नाम की एक महिला, अपने हालात के चलते सरोगेट मदर बनने का निर्णय लेती है, लेकिन वह एक रहस्यमयी और खतरनाक दुनिया में फंस जाती है।

रिलीज़ वर्ष: 2022

3. गुड न्यूव्ज़ (Good Newwz)

स्टार कास्ट: अक्षय कुमार, करीना कपूर, दिलजीत दोसांझ, कियारा आडवाणी

विवरण: दो जोड़े एक ही सरोगेट मदर के माध्यम से IVF प्रक्रिया के लिए आते हैं, लेकिन नामों में गलती के कारण उलझनें पैदा होती हैं।

रिलीज़ वर्ष: 2019

4. चोरी चोरी चुपके चुपके (Chori Chori Chupke Chupke)

स्टार कास्ट: सलमान ख़ान, रानी मुखर्जी, प्रिटी ज़िंटा

विवरण: एक दंपत्ति, अपने बच्चे के लिए सरोगेट मदर की तलाश करते हैं, और एक महिला उनकी मदद करती है।

रिलीज़ वर्ष: 2001

5. दूसरी दुल्हन (Doosri Dulhan)

स्टार कास्ट: शबाना आज़मी, अमरीश पुरी, अनुपम खेर

विवरण: एक महिला, अपने पति के लिए सरोगेट मदर बनने का निर्णय लेती है, जिससे पारिवारिक रिश्तों में तनाव उत्पन्न होता है।

रिलीज़ वर्ष: 1993

          Artificial Womb और Surrogacy न केवल तकनीकी या कानूनी विषय हैं, बल्कि भारतीय मातृत्व, परिवार और समाज के दृष्टिकोण को भी प्रभावित करते हैं। फिल्मों और केस स्टडीज़ के माध्यम से हम समझ सकते हैं कि यह विषय भावनात्मक, सामाजिक और कानूनी दृष्टि से कितना महत्वपूर्ण है।

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